आंगनबाड़ी  है पर कार्यकर्ता नहीं .. सहायिका मेरे भरोसे छोड़ कर बाज़ार गई है..

आंगनबाड़ी है पर कार्यकर्ता नहीं .. सहायिका मेरे भरोसे छोड़ कर बाज़ार गई है..

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी -भरतपुर. छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ -चिरमिरी -भरतपुर जिले के साल्ही ग्राम में आँगन बाड़ी की ठप्प व्यवस्था .  वहां की कार्यकर्ता गायब रहती है. सहायिका अनुपस्थित रहती है, बच्चों को समय पर पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है.

संदेश भारत की टीम जब पहुंची तो वहां ना कार्यकर्ता थी और ना ही सहायिका. आंगनबाड़ी में गाँव की महिला को काम सौंपकर सहायिका अपने घर के लिए सामान लेने बाज़ार चली जाती हैं . लगभग 2 साल से आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता को निष्कासित करने कई आवेदन किया गया है.लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं .

प्रशासन की गलती का खामियाजा इन छोटे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है . बच्चों को समय पर खाना नहीं मिल पा रहा है . कुपोषण के शिकार होने पर जिम्मेदारी किसकी होगी? गरीब परिवार सरकार के भरोसे है पर सरकार ऐसी समस्या को अनदेखा कर रही है. 

महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने कहा की पदस्थ कार्यकर्ता को जल्द ही पद से निष्कासित कर  दिया जाएगा. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती और निकासी  प्रकिया के तहत होती है . जनपद पंचायत के अंतर्गत इनकी प्रक्रिया होती है .

कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए आँगनबाड़ी केंद्र का निर्माण किया गया है जिनकी जिम्मेदारी होती है वही अपने जिम्मेदारियों से बच रही है.

छत्तीसगढ़ शासन जल्द से जल्द इस पर संज्ञान लें . कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की बात नहीं कार्य जमीनी स्तर पर होनी  चाहिए . 

Author Bharat chandra
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