मंत्रिमंडलीय उपसमिति बैठक में हुई खास विषयों पर चर्चा, छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से होगी धान खरीदी की शुरुआत, 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीद सकती है साय सरकार
खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई. बैठक में किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी पर चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक आगामी खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राज्य कैबिनेट की बैठक में धान खरीदी की तारीख पर लगेगा अंतिम मुहर ।
रायपुर: छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी की जाएगी। खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडलीय उप समिति की खास बैठक हुई। बैठक में धान खरीदी पर चर्चा हुई। सरकार की ओर से खरीफ विपणन वर्ष में इस बार लगभग 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया है। छत्तीसगढ़ की सरकार नए रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर चुकी है। इस बार खरीदी केंद्रो पर व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन का इस्तेमाल हो सकता है ।
जूट कमिश्ननर और जेम के जरिए बारदानों की खरीदी का फैसला किया गया है. धान खरीदी की तारीख पर अंतिम मुहर कैबिनेट की बैठक में लगेगा ।
धान खरीदी 15 नवंबर से होगा शुरु: खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में सोमवार को महानदी भवन में बड़ी बैठक हुई. बैठक में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई।
बैठक में चालू खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 लाख मीट्रिक धान खरीदने का अनुमान रखा गया है. इस साल दीपावली पर्व और राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी 15 नवम्बर से शुरू किए जाने के संबंध में भी चर्चा हुई. धान खरीदी की तारीख को लेकर राज्य कैबिनेट की बैठक में इस विषय में अंतिम निर्णय लिया जाएगा ।
बैठक में किस किस मुद्दों पर हुई चर्चा: बैठक में प्रदेश के किसानों से धान खरीदने के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं को सुधार करने पर भी व्यापक रूप से चर्चा की गई । बैठक में धान खरीदी व्यवस्थित हो तथा किसानों को आसानी से बारदाना उपलब्ध हो सकें इसके लिए बारदाना खरीदी जूट कमिश्नर और जेम के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है ।
धान खरीदी और कस्टम मिलिंग पर हुई चर्चा : सूत्रों के मुताबिक बैठक में धान उठाव और कस्टम मिलिंग, केन्द्रीय पूल और छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा कराने तथा परिवहन के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई. चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से धान खरीदने का निर्णय लिया गया है.
रिकॉर्ड बनाने की कर रहे है तैयारी : गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी. अभी छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 2058 सहकारी समितियां तथा 2739 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से आगामी खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान साय सरकार ने लगाया है. धान खरीदी व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए कम्प्यूटर, इंटरनेट के साथ ही उपार्जन केन्द्र आने वाले किसानों के लिए बैठने और पीने का पानी की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई है.
बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंक राम वर्मा शामिल हुए।
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