संदेश भारत, रायपुर। गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर सारंगढ़ के सरसींवा में स्वास्थ्य जांच और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यहां सभी आयु वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। खास बात यह रही कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों ने भी रक्तदान कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया।
सैकड़ों लोगों ने शिविर में स्वास्थ्य जांच कराई। साथ ही कई लोगों ने पहली बार रक्तदान किया। डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम ने शिविर में उपस्थित लोगों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें जरूरी परामर्श भी दिए।
50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों ने जागरूकता का दिया संदेश
50 वर्ष से अधिक उम्र के कई लोगों ने रक्तदान करके यह साबित किया कि उम्र केवल एक संख्या है। उनका उत्साह न केवल युवाओं को प्रेरित कर रहा था, बल्कि समाज के प्रति जागरूकता का संदेश भी फैला रहा था।
सत्य, अहिंसा और समानता की सीख: आयोजक
इस आयोजन के प्रमुख बृजकिशोर अजगल्ले (सरपंच), लक्ष्मी नारायण और गोपी अजय (संवाददाता नवप्रदेश) है। आयोजको ने कहा की "गुरु घासीदास जी के विचार हमें सत्य, अहिंसा और समानता की सीख देते हैं। इस अवसर पर रक्तदान करके हम उनके आदर्शों का पालन कर रहे हैं। रक्तदान एक ऐसा उपहार है जो किसी की जिंदगी बचा सकता है।" और यह पहल हमेशा रहेगा आने वाले हर सालो मे इस प्रकार के शिविर का आयोजन करेंगे क्योंकि हमारे इस पहल से लोगो को एक नया जीवन मिलेगा।
समाज में जागरूकता का संचार
शिविर में उपस्थित सभी लोगों ने आयोजन की सराहना की।साथ ही इस तरह के कार्यक्रमों को बड़े स्तर पर आयोजित करने की मांग की है। इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब समाज एक साथ आता है, तो बड़े बदलाव संभव होते हैं। गुरु घासीदास ने मानव मानव एक सामान का सन्देश देते हुए छुआछुत का विरोध किया था।
रक्त दान शिविर में लाकेश्वर अजय, जवाहिर लहरे, फिरतुराम जांगड़े, आत्माराम अजगल्ले, लक्ष्मी नारायण, गोपी अजय, बृजकिशोर अजगल्ले, नवीन लहरे, किसान (कोदवा) शामिल हुए।
डॉक्टर की टीम-
सारंगढ़ के डॉक्टर आर के आदित्य, खगेश्वर आदित्य, चन्द्रिका साहू, राजेश चंद्र, राम नरेश साहू और दुलेश्वर निषाद उपस्थित रहे। इन्होंने लोगों की जाँच कर उनको उनके स्वास्थ्य के अनुसार परामर्श दिया।
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