चावल निर्यातकों को मिलेगी छूट, छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, राइस उद्योग को प्रोत्साहन

चावल निर्यातकों को मिलेगी छूट, छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, राइस उद्योग को प्रोत्साहन

संदेश भारत, रायपुर । छत्तीसगढ़ में चावल उद्योग को प्रोत्साहित करने और गैर बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है । सरकार ने चावल निर्यातकों को मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क से छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट सिर्फ उन निर्यातकों को मिलेगा जो प्रदेश के राइस मिलर्स और मंडियों के जरिए से खरीदे गए धान से तैयार गैर बासमती चावल का निर्यात करेंगे।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा में मिलेगा मदद

छत्तीसगढ़ से गैर बासमती चावल  के निर्यात को बढ़ावा देना है। साथ ही राज्य के किसानों और चावल मिलर्स को अधिक लाभ दिलाना है। राज्य सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के चावल उद्योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा बनाने में मदद मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने मंडी शुल्क और किसान कल्याण में छूट दिए जाने की अधिसूचना को राजपत्र में प्रशासन के लिए जारी कर दिया है ।

शिपिंग बिल में मूल स्थान छत्तीसगढ़ लिखा होना जरूरी 

यह छूट अधिसूचना प्रकाशन के दिनांक से लेकर 1 वर्ष तक के लिए होगा। दोनों शुल्कों में छूट के लिए चावल निर्यातकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके शिपिंग बिल में चावल के कार्गो का मूल स्थान छत्तीसगढ़ लिखा हो। इसके अलावा छत्तीसगढ़ का वस्तु और सेवा कर विवरण, लदान बिल, बैंक री कॉसिलेशन स्टेटमेंट की प्रति संबंधित मंडी में प्रस्तुत करना होगा।

मंडी अधिनियम के तहत परमिट जारी  

राज्य के पंजीकृत चावल निर्यातकों को और राइस मिलर्स को एक घोषणा पत्र देना होगा। जिसमें यह स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो कि चावल छत्तीसगढ़ से खरीदे गए धान से तैयार किया गया हो। राइस मिलर्स को मंडी अधिनियम के तहत चावल निर्यातकों को परमिट जारी करना होगा।

Author Surendra Sahu
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