संदेश भारत, रायपुर। शासन की मजबूत नक्सल उन्मूलन नीति के तहत एक और बड़ी सफलता मिली है। 5 लाख के इनामी नक्सली गिजरूराम उसेंडी ने अपनी हिंसक विचारधारा से तंग आकर आत्मसमर्पण कर दिया। गिजरूराम, जो कि उत्तर बस्तर डिवीजन अंतर्गत टेक्निकल टीम एरिया कमेटी का कमांडर था, न केवल नक्सली गतिविधियों में शामिल था, बल्कि उसने देशी हथियारों के निर्माण और रिपेयरिंग में भी विशेष महारत हासिल की थी। वह नक्सली समूहों के लिए भरमार बंदूक, हैंड ग्रेनेड और देशी लांचर जैसे खतरनाक हथियारों का निर्माण करता था।
नक्सलियों का आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों की बड़ी जीत
जानकारी के अनुसार, वह पुलिस पार्टी पर हमले जैसे कई जघन्य अपराधों में भी शामिल था। उसके आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि नक्सली अब शासन की रणनीतियों से थककर अपनी हिंसक विचारधारा को छोड़ रहे हैं। नक्सलियों का यह आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह उन तमाम युवाओं के लिए भी एक संदेश है जो हिंसा की राह पर चलने के बारे में सोचते हैं।
नक्सल उन्मूलन नीति हो रही प्रभावी
इस सफलता से यह स्पष्ट है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति लगातार प्रभावी हो रही है, और नक्सली अब अपनी खोखली विचारधारा से निकलकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का रास्ता देख रहे हैं। यह घटनाक्रम नक्सली संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि सरकार की दृढ़ता और सुरक्षा बलों की सक्रियता ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने का काम किया है।
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