संदेश भारत,रायपुर। नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में आरंग पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 720 पौवा शराब और तीन शराब कोचियों को गिरफ्तार किया है। आरंग थाना प्रभारी राजेश सिंह के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि चुनावी मौसम में शराब माफियाओं का नेटवर्क कितना मजबूत हो चुका है और इसके पीछे कौन से बड़े हाथ काम कर रहे हैं।
720 पौवा अवैध देशी शराब बरामद
पुलिस ने तीन अलग-अलग जगहों से शराब कोचियों को पकड़ा, जिनके पास 240-240 पौवा अवैध देशी शराब थी। यह शराब करीब स्थित लखौली शराब दुकान से लाए जाने की संभावना है। पुलिस का मानना है कि शराब कोचियों को इतनी बड़ी मात्रा में शराब बिना स्थानीय शराब दुकानों के कर्मचारियों के सहयोग के नहीं मिल सकती थी। इस बात से साफ है कि कहीं न कहीं शराब माफिया और शराब दुकानों के कर्मचारियों के बीच एक अवैध सांठगांठ चल रही है।
चुनावी धांधली और भ्रष्टाचार का दंश राज्य को पड़ सकता है भुगतना
आशंका जताई जा रही है कि आगामी चुनावों में शराब को वोटों के बदले खपाने की योजना बनाई जा रही है। चुनावी माहौल में शराब का वितरण मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए माफियाओं ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। अगर पुलिस और प्रशासन ने इस नेटवर्क को समय रहते नहीं पकड़ा, तो आने वाले दिनों में चुनावी धांधली और भ्रष्टाचार का दंश राज्य को भुगतना पड़ सकता है।
कैसे निपटेगी सरकार शराब माफिया से?
यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि चुनावों के दौरान शराब माफिया और भ्रष्टाचार का जाल कितना गहरा हो चुका है। क्या पुलिस इस मामले को और बड़े स्तर पर नहीं उठाएगी? क्या चुनावी प्रक्रिया में शराब का इस्तेमाल रोकने के लिए प्रशासन कठोर कदम उठाएगा? यह सवाल अब पूरे राज्य में उठने लगा है।
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