संदेश भारत, रायपुर।
दुर्ग भिलाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी छापेमारी की है, जिसने राज्य की राजनीति को हिला दिया है। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान भूपेश बघेल के घर से भारी मात्रा में नकद नोट बरामद हुए हैं। इन नोटों की गिनती के लिए विशेष मशीनें मंगवानी पड़ी हैं, लेकिन फिलहाल इस रकम का खुलासा नहीं हुआ है। ईडी द्वारा इस छापेमारी को शराब घोटाले और अन्य गंभीर मामलों से जोड़कर देखा जा रहा है।
यह छापेमारी सिर्फ भूपेश बघेल के घर तक सीमित नहीं रही। ईडी ने उनके करीबी सहयोगियों और पार्टी से जुड़े अन्य लोगों के घरों पर भी छापे मारे हैं। इनमें जमीन दलाल मनोज राजपूत, बिल्डर अजय चौहान, चरोदा के संदीप सिंह और अभिषेक ठाकुर, सहेली ज्वेलर्स और दो राइस मिलर्स शामिल हैं। इन स्थानों पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है और सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
ईडी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तीव्र विरोध जताया है। पार्टी का कहना है कि यह छापेमारी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की जा रही है। कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा समूह भूपेश बघेल के घर के बाहर इकट्ठा हुआ और उन्होंने जोरदार नारेबाजी की।
हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या यह सब सिर्फ आरोपों तक ही सीमित रहेगा, या इस बार कुछ ठोस सबूत सामने आएंगे? इस पूरे मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और यह देखना होगा कि ईडी की जांच किस दिशा में जाती है।
भूपेश बघेल के खिलाफ कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में जो उबाल आया है, उससे यह स्पष्ट है कि इस मामले का असर राज्य की राजनीतिक दिशा पर पड़ने वाला है।
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