भूपेश बघेल के खिलाफ ED की छापेमारी: राजनीतिक साजिश का हिस्सा या सच्चाई ?
संदेश भारत, रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद राजनीतिक हलकों में एक नई हलचल मच गई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर हुई इस छापेमारी को कांग्रेस के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एक बड़ी साजिश के रूप में देखा जा रहा है। भूपेश बघेल ने खुद यह खुलासा किया कि उनके घर से 33 लाख रुपये बरामद हुए हैं, जिनका वे पूरी तरह से हिसाब देने के लिए तैयार हैं।
बघेल ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले के पीछे भाजपा का हाथ है, जो उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई करवा रही है। बघेल ने अपने घर से बरामद तीन महत्वपूर्ण दस्तावेजों का भी खुलासा किया, जिनमें भाजपा नेताओं और उनके रिश्तेदारों के बीच करोड़ों रुपये के लेन-देन की बातचीत का पेनड्राइव और डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह की कंपनी के कागज शामिल हैं। क्या यह सिर्फ एक संयोग है कि भाजपा के नेताओं की संदिग्ध गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है, जबकि भूपेश बघेल को निशाना बनाया जा रहा है?
बघेल का कहना है कि इन 33 लाख रुपयों का कोई रहस्य नहीं है। यह रकम उनके परिवार के कृषि, डेयरी, स्त्रीधन, और 'कैश इन हैंड' से जुड़ी हुई है, और इसका हिसाब वे पूरी ईमानदारी से देंगे। बघेल ने यह भी खुलासा किया कि ईडी के अधिकारी खुद भी किसी ECIR नंबर का खुलासा नहीं कर पाए, जो इस छापेमारी की कानूनी वैधता पर सवाल उठाता है।
कांग्रेस पार्टी ने इसे एक सुनियोजित हमले के रूप में देखा है, जो सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते किया जा रहा है। इस छापेमारी के बाद, बघेल के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर दिनभर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और उनके साथ एकजुटता दिखाई। बघेल ने भी उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन घड़ी में उनका समर्थन उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।