बिलासपुर में बिजली संकट की जड़ बना नगर निगम! 230 करोड़ का बकाया, डेढ़ साल से नहीं दिया एक भी रुपया!

बिलासपुर में बिजली संकट की जड़ बना नगर निगम! 230 करोड़ का बकाया, डेढ़ साल से नहीं दिया एक भी रुपया!

संदेश भारत, बिलासपुर। बिजली व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाली विद्युत वितरण कंपनी सिटी सर्किल पर बिलासपुर नगर निगम भारी पड़ रहा है! हैरानी की बात ये है कि खुद को 'शहर का अभिभावक' कहने वाला नगर निगम 230 करोड़ से ज्यादा का बकाया बिजली बिल दबाकर बैठा है – और पिछले डेढ़ साल से एक भी रुपया भुगतान नहीं किया गया है! अब स्थिति ये हो गई है कि सिटी सर्किल की कुल बकाया राशि 290 करोड़ पहुंच गई है, जिसमें अकेले नगर निगम की हिस्सेदारी 80% से ज्यादा है। इसका सीधा असर शहर की बिजली व्यवस्था और अन्य उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।

हर महीने चढ़ रहा करोड़ों का सरचार्ज!
नगर निगम के पास गार्डन, स्ट्रीट लाइट, वाटर वर्क्स, मैदान, सामुदायिक भवन और कार्यालयों के नाम पर सैकड़ों बिजली कनेक्शन हैं। इनके एवज में हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए का नया बिल जारी होता है, लेकिन चूंकि भुगतान नहीं हो रहा, बकाया पर भारी सरचार्ज भी लग रहा है। यही वजह है कि बकाया रकम हर महीने करोड़ों की छलांग लगा रही है।

टैक्स तो वसूली, बिजली बिल में जीरो!
चौंकाने वाली बात ये है कि नगर निगम हर साल शहरवासियों से करोड़ों का टैक्स वसूलता है, लेकिन जब बारी आती है अपनी जिम्मेदारी निभाने की, तो निगम हाथ खड़े कर देता है। कोविड के दौरान भी दो साल तक बिजली बिल नहीं दिया गया, और अब हालात फिर उसी दिशा में बढ़ रहे हैं।

इस साल एक पैसा भी नहीं दिया!
अब तक की परंपरा रही है कि वित्तीय वर्ष के अंत में मंत्रालय के माध्यम से 10-15 करोड़ की राशि का भुगतान कर दिया जाता था, लेकिन इस साल एक भी रुपया नहीं दिया गया। नतीजा – बकाया राशि अब 230 करोड़ पार कर चुकी है।

सरकारी लापरवाही या साजिश?
क्या ये केवल लापरवाही है, या फिर जानबूझकर बिजली वितरण व्यवस्था को ठप करने की साजिश? अगर आम उपभोक्ता एक महीने का बिल न चुकाए, तो कनेक्शन काट दिया जाता है – फिर नगर निगम जैसी संस्था पर क्यों रहम किया जा रहा है?
आंकड़ों की जुबानी संकट:
नगर निगम का बकाया – ₹230.47 करोड़
अन्य सरकारी विभाग – ₹16.52 करोड़
अन्य उपभोक्ता – ₹43.59 करोड़
कुल बकाया – ₹290.58 करोड़

मांग उठी – कनेक्शन काटो या बिल वसूली की कड़ी कार्रवाई करो!
शहर के जागरूक नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने अब प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू किया है। मांग की जा रही है कि या तो नगर निगम के कनेक्शन काटे जाएं, या फिर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी संस्था बिजली को 'फ्री की चीज़' न समझे।बिलासपुर की जनता पूछ रही है – जब हम बिल भरते हैं, तो नगर निगम क्यों नहीं?

Author Surendra Sahu
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