CG में CRPF अधिकारी बना साइबर ठगी का शिकार, 22 लाख रुपए गवाएं – जानिए पूरा मामला

CG में CRPF अधिकारी बना साइबर ठगी का शिकार, 22 लाख रुपए गवाएं – जानिए पूरा मामला

संदेश भारत रायपुर।

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के अधिकारी से ठगों ने 22 लाख रुपए ठग लिए। ये ठगी एक फर्जी फोन कॉल के ज़रिए की गई, जिसमें उन्हें डराकर पैसे निकलवाए गए। इसे "डिजिटल अरेस्ट" का नाम दिया जा रहा है, यानी किसी को मानसिक रूप से डराकर मोबाइल और ऑनलाइन तरीकों से ठगी करना।


क्या हुआ था?

CRPF कैंप में पदस्थ सब इंस्पेक्टर आर. महेंद्र को एक दिन एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाला खुद को दिल्ली टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताने लगा। उसने कहा –

"आपके आधार कार्ड से एक सिम कार्ड लिया गया है, जिसका इस्तेमाल अवैध कामों के लिए हो रहा है। अब ये सिम बंद किया जाएगा और दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज हो गई है।"

इस बात को सुनकर अधिकारी घबरा गए।

कैसे हुआ धोखा?

फर्जी कॉल करने वाला ठग लगातार 17 दिनों तक फोन करता रहा।

वह हर बार अधिकारी को डराता रहा कि अगर बात नहीं मानी गई तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।

अधिकारी डर और तनाव में आकर अलग-अलग तरीकों से ठग को कुल 22 लाख रुपए भेजते रहे।

जब होश आया...

17 दिन बाद जब उन्हें समझ आया कि वह किसी फर्जी कॉल का शिकार हो चुके हैं, तब उन्होंने गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है – फोन नंबर, बैंक ट्रांजैक्शन और बाकी सबूत खंगाले जा रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन की सलाह

• कोई भी अनजान व्यक्ति अगर खुद को अधिकारी  बताकर डरा-धमकाए, तो घबराएं नहीं।

• अपने बैंक या आधार से जुड़ी कोई भी जानकारी फोन पर किसी को ना दें।

• कोई परेशानी हो तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें।

• सरकारी विभाग या पुलिस इस तरह कॉल करके पैसे नहीं मांगते।

ये है “डिजिटल अरेस्ट” का नया तरीका

इस तरह की ठगी को "डिजिटल अरेस्ट" कहा जा रहा है, जिसमें ठग मानसिक दबाव डालकर लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं।

Author Praveen dewangan
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