संदेश भारत, रायपुर।
ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली जैसे गंभीर मामलों में फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर वीरेन्द्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। न्यायालय ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है और उन्हें पुलिस जांच में शामिल होने के निर्देश दिए हैं।
इस आदेश के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। अगर आरोपी शीघ्र गिरफ्तार नहीं होते, तो उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। साथ ही, उनके मददगारों के खिलाफ भी सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
पांच मामलों में दर्ज एफआईआर, आरोप गंभीर
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वीरेन्द्र और रोहित तोमर, उनके सहयोगियों व रिश्तेदारों पर ब्लैकमेलिंग, धमकी, अवैध वसूली और मारपीट जैसे आरोपों में कुल पाँच अलग-अलग मामले दर्ज हैं। आरोपी रोहित तोमर पर एक अलग मारपीट का मामला भी दर्ज है।
‘साई विला’ समेत कई संपत्तियां जांच के घेरे में
जांच के दौरान आरोपियों से बरामद ज्वेलरी और नकदी को आयकर विभाग को सौंपा गया है। इसके अलावा, उनकी अचल संपत्तियों की गहन जांच की जा रही है। भाठागांव में स्थित लगभग 5000 वर्गफीट क्षेत्र में बना 'साई विला' आरोपी वीरेन्द्र सिंह तोमर की पत्नी के नाम पर दर्ज है। अभनपुर, भनपुरी सहित अन्य स्थानों पर भी दोनों आरोपियों के नाम पर संपत्तियों के दस्तावेज सामने आए हैं।
तकनीकी जांच और पीड़ितों की नई शिकायतें
पुलिस की कई टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं और उनकी लोकेशन ट्रैक करने के लिए तकनीकी जांच की जा रही है। इस जांच में कई अहम दस्तावेज और रिकॉर्ड सामने आए हैं। वहीं अब तक सामने आए पीड़ितों के बाद कुछ नए शिकायतकर्ता भी पुलिस से संपर्क कर चुके हैं। इनका आरोप है कि तोमर बंदुओं ने उनसे कई गुना ब्याज वसूला, लेकिन गिरवी रखी गई जमीनों के दस्तावेज, चेक और अन्य कागजात लौटाने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्हें जान से मारने की धमकियां भी दी गईं।
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