संदेश भारत, रायपुर।
साइबर ठगों की चालाकी और एक आम इंसान की डर वश ली गई गलत फैसले ने उसे आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया। बिलासपुर के सकरी थाना क्षेत्र निवासी एक सिक्योरिटी गार्ड दिलीप तिवारी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जब साइबर ठगों ने उसे ‘पोर्न वीडियो देखने’ का झूठा आरोप लगाकर ब्लैकमेल किया और लगभग 4.50 लाख रुपए ऐंठ लिए।
कहानी की शुरुआत एक अनजान कॉल से हुई
सिक्योरिटी गार्ड दिलीप तिवारी को कुछ दिन पहले एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना परिचय "केंद्रीय जांच एजेंसी" के अधिकारी के रूप में दिया और कहा कि उसके मोबाइल से पोर्न कंटेंट देखा गया है। कॉलर ने बेहद प्रोफेशनल और सख्त लहजे में कहा –
"आपके खिलाफ अश्लील सामग्री देखने का मामला दर्ज किया गया है। आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाएगा।"
इस धमकी से घबराकर दिलीप मानसिक दबाव में आ गया।
डर का फायदा उठाकर ठगों ने मांगे पैसे
ठगों ने कहा कि अगर वह जुर्माना राशि चुका देगा तो उसकी गिरफ्तारी टल सकती है। दिलीप ने डरकर इस झांसे में आकर पैसे भेजना शुरू कर दिया।
उसने अलग-अलग खातों में किश्तों में लगभग 4.50 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
पैसे देने के लिए रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों से कर्ज भी लिया।
हर बार उसे अगली किस्त देने के नाम पर और धमकाया जाता रहा।
रिश्तेदारों के सवाल पर गोलमोल जवाब देता रहा
जब दिलीप बार-बार पैसे के लिए उधार मांगने लगा तो रिश्तेदारों को शक हुआ। उन्होंने उससे जबरदस्ती पूछताछ की तो वह बातों को टालता रहा। अंत में जब परिवार ने ज़्यादा दबाव बनाया तो उसने रोते हुए पूरी आपबीती सुनाई।
फिर पहुंचा सकरी थाना, पुलिस ने दर्ज किया मामला
परिजनों ने तुरंत दिलीप को थाने जाने की सलाह दी। दिलीप सकरी थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए करीब 2.5 लाख रुपए की राशि होल्ड कराई।
मामले में आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
पुलिस अब बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल डिटेल्स के आधार पर जांच में जुटी है।
साइबर ठगी का नया तरीका
यह मामला साइबर क्राइम के एक नए ट्रेंड को दिखाता है, जिसमें ठग "डिजिटल अरेस्ट", "केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई", या "पोर्न वेबसाइट एक्सेस" जैसी संवेदनशील बातों को लेकर आम जनता को डराकर ब्लैकमेल कर रहे हैं।
सावधान रहें – कोई भी सरकारी एजेंसी इस तरह कॉल नहीं करती
अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर आपको कॉल करे और पैसे मांगे, तो तुरंत उसकी जानकारी 112 या नजदीकी थाना में दें।
किसी भी अनजान लिंक या कॉल का जवाब देने से पहले सोचें।
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