संदेश भारत,रायपुर। राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक और छत्तीसगढ़ी पहचान से जुड़े "पचपेड़ी नाका" का नाम बदलने की खबर पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इसे "सिंधी समाज के संत" के नाम पर बदलने के प्रस्ताव के खिलाफ जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने इसे छत्तीसगढ़िया अस्मिता पर सीधा प्रहार बताते हुए जोन क्रमांक 10 के आयुक्त को दिनांक 09 जुलाई 2025 को औपचारिक आपत्ति पत्र सौंपा।
क्या है मामला?
दैनिक अखबार हरिभूमि में 2 जुलाई 2025 को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, अमनदीप क्षेत्र में नगर निगम द्वारा पचपेड़ी नाका चौक का नाम बदलकर सिंधी संत के नाम पर रखने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस खबर के आधार पर जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया।
आपत्ति पत्र में क्या कहा गया?
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपी चन्द साहू द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया:
पचपेड़ी नाका रायपुर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे बाहरी प्रभाव में आकर बदलना छत्तीसगढ़ की अस्मिता से खिलवाड़ है।
किसी धर्म या समाज के विरोध में नहीं, लेकिन बिना सार्वजनिक चर्चा और स्थानीय सहमति के नाम बदलना जनविरोधी निर्णय है।
इस निर्णय से छत्तीसगढ़िया समाज की भावना आहत हो रही है, और इससे सांप्रदायिक तनाव और सामाजिक असंतुलन भी जन्म ले सकता है।
प्रशासन को चेतावनी
ज्ञापन में जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने साफ चेतावनी दी है कि यदि इस प्रस्ताव को तत्काल रद्द नहीं किया गया तो वे जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि पचपेड़ी नाका जैसे ऐतिहासिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या बोले लोग?
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों में भी इस मुद्दे को लेकर नाराज़गी देखी जा रही है। लोग इसे शहर की पहचान मिटाने की साजिश मान रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि ऐसे निर्णयों में जनभागीदारी अनिवार्य होनी चाहिए।
अब सबकी नजरें प्रशासन पर
अब देखने वाली बात यह होगी कि रायपुर नगर निगम, जोन आयुक्त और नगर प्रशासन इस विरोध को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या यह प्रस्ताव वापिस लिया जाता है या नहीं।
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