संदेश भारत, रायपुर।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से एक बार फिर नक्सली आतंक की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मद्देड़ थाना क्षेत्र के ग्राम धनगोल और बंदेपारा के जंगलों में सोमवार की सुबह नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आने से चार ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना उस समय हुई जब ये ग्रामीण रोज़मर्रा के कार्यों के लिए जंगल की ओर निकले थे।
कैसे हुई घटना?
ग्रामीणों के अनुसार, सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे चार लोग जंगल की ओर लकड़ी और अन्य आवश्यक वस्तुएं लाने जा रहे थे। ग्राम धनगोल और बंदेपारा के बीच का इलाका जो पहले भी नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता रहा है, वहीं एक पेड़ के पास अचानक जोरदार धमाका हुआ। धमाके की चपेट में आकर सभी चारों ग्रामीण वहीं गिर पड़े।
धमाके की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आसपास के गांवों में हलचल मच गई। अन्य ग्रामीण और गांव के युवकों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया और कुछ ही देर में पुलिस व एंबुलेंस को भी सूचना दे दी गई।
घायलों की स्थिति क्या है?
घायलों को मौके से निकालकर पहले मद्देड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बीजापुर जिला अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, चारों को पैरों व शरीर के निचले हिस्से में गहरी चोटें आई हैं, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं।
घायलों को मौके से निकालकर पहले मद्देड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बीजापुर जिला अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, चारों को पैरों व शरीर के निचले हिस्से में गहरी चोटें आई हैं, लेकिन सभी खतरे से बाहर हैं।
नक्सलियों की साजिश
बीजापुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्राथमिक जांच में इसे नक्सलियों की सोची-समझी साजिश बताया है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों ने आईईडी को इस रास्ते में इसलिए लगाया था ताकि सुरक्षा बल या ग्रामीण जब वहां से गुजरें तो वे नुकसान पहुँचा सकें।
मद्देड़ थाना प्रभारी ने बताया कि—
“यह नक्सलियों की सुनियोजित करतूत है। आईईडी विस्फोट की जगह को चिन्हित कर लिया गया है। क्षेत्र में अभी भी तलाशी अभियान चल रहा है, ताकि अगर और विस्फोटक हों तो उन्हें निष्क्रिय किया जा सके।”
सुरक्षा बल सक्रिय
घटना के बाद से बीजापुर पुलिस, सीआरपीएफ और डीआरजी की संयुक्त टीमें घटनास्थल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रही हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे जंगलों की ओर जाने से पहले स्थानीय पुलिस या पंचायत को सूचित करें।
प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
बीजापुर प्रशासन ने घटना के बाद एक चेतावनी जारी की है जिसमें ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे बिना कारण जंगलों की ओर न जाएं, और कोई भी संदिग्ध वस्तु दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
बीजापुर और नक्सल आतंक
छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों में गिना जाता है। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार दावा कर रही हैं कि नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में हालात बेहतर हो रहे हैं। लेकिन इस विस्फोट ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आम नागरिक अब भी नक्सलियों के निशाने पर क्यों हैं?
2025 की शुरुआत से अब तक बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा जिलों में नक्सली हिंसा की 20 से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें से कई में आम ग्रामीणों को जान-माल का नुकसान हुआ है।
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