ठगों ने पुलिस बनकर महिला से ठगे गहने, कहा- हत्या की जांच चल रही है, सब छिपा लो

ठगों ने पुलिस बनकर महिला से ठगे गहने, कहा- हत्या की जांच चल रही है, सब छिपा लो

संदेश भारत, रायपुर।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक हैरान कर देने वाला ठगी का मामला सामने आया है। दो अज्ञात युवकों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक महिला से सोने की चूड़ियां ठग लीं। वारदात को अंजाम देने के लिए उन्होंने हत्या की जांच का हवाला देकर महिला को भ्रमित किया और चूड़ियां उतरवाकर फरार हो गए। पुलिस ने मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

घटना दुर्ग कोतवाली थाना क्षेत्र के आपापुरा भोईपारा इलाके की है।
यहां रहने वाली शीला जैन रोज की तरह रविवार सुबह पूजा-पाठ के लिए दिगंबर जैन मंदिर गई थीं।
सुबह करीब 9 बजे जब वह मंदिर से लौट रही थीं, तभी गली में बाइक सवार दो युवक पहुंचे।

दोनों ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए शीला जैन को बताया कि कुछ ही दूरी पर हत्या की एक बड़ी वारदात हुई है, जिसकी पुलिस जांच चल रही है। उन्होंने महिला को सलाह दी कि जो गहने वह पहने हुए हैं, उन्हें सुरक्षित कर लें, ताकि पुलिस की जांच में कोई बाधा न आए।

45 साल पुरानी चूड़ियां ले उड़े ठग

पुलिस जैसी बातों और गंभीर लहजे से महिला डर गई। उसने तुरंत अपने हाथों से चार सोने की चूड़ियां उतारीं, एक रुमाल में बांधकर दोनों युवकों को सौंप दीं। चूड़ियां मिलते ही दोनों युवक बाइक पर सवार होकर मौके से फरार हो गए

जब समझ में आया ठगी का शिकार होना...

दिनभर महिला परेशान रही। जब उसे महसूस हुआ कि वह किसी अपराध का शिकार हो चुकी है, तो शाम को दुर्ग कोतवाली थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।
महिला ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आरोपी युवकों ने चेहरे पर मास्क और सिर पर गमछा बांध रखा था।
वह केवल बाइक के नंबर का आंशिक हिस्सा MP 46 ZC देख सकीं।

पुलिस कर रही जांच, CCTV खंगाले जा रहे

दुर्ग कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस आस-पास के CCTV फुटेज की जांच कर रही है और इलाके के लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।
इसके साथ ही बाइक नंबर की मदद से मध्यप्रदेश RTO से संपर्क साधा गया है ताकि बाइक के मालिक का पता चल सके।

सावधानी ज़रूरी: पुलिस खुद गहने नहीं उतरवाती

पुलिस अधिकारियों ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति खुद को पुलिसकर्मी बताता है और गहने उतरवाने या मोबाइल जैसे सामान देने को कहता है, तो उसकी पहचान की पुष्टि करें। असली पुलिस कभी किसी आमजन से इस तरह गहने या कैश नहीं लेती।

Author Praveen dewangan
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