छत्तीसगढ़ में एनीमिया का बढ़ता खतरा: एक गंभीर चुनौती ?

छत्तीसगढ़ में एनीमिया का बढ़ता खतरा: एक गंभीर चुनौती ?

संदेश भारत रायपुर l छत्तीसगढ़ में एनीमिया की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है, जिससे राज्य की बड़ी आबादी, विशेषकर महिलाएं और बच्चे, प्रभावित हो रहे हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) की हालिया रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में 61.2% सामान्य महिलाएं, 51.8% गर्भवती महिलाएं और 67.2% छह माह से पांच साल तक के बच्चे एनीमिया से ग्रस्त हैं। पुरुषों में भी यह आंकड़ा 27% है। यह गंभीर स्थिति बच्चों में कुपोषण और मातृ मृत्यु दर के बढ़ने का एक बड़ा कारण बन रही है।

क्यों बढ़ रहा है एनीमिया?

एनीमिया का सीधा संबंध शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से होता है। पुरुषों में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 12 से 16 ग्राम और महिलाओं में 11 से 14 ग्राम होना चाहिए।

विशेषज्ञों के अनुसार, इसके मुख्य कारण हैं:

  •  खान-पान में कमी: शरीर में आयरन और विटामिन की कमी, जो एनीमिया का सबसे बड़ा कारण है।
  •  संक्रमण: मलेरिया, पेट के कीड़े और अन्य परजीवियों से होने वाले संक्रमण से भी लाल रक्त  कणिकाएं नष्ट होती हैं।
  •  स्वच्छता की कमी: दूषित पानी का सेवन और   खराब स्वच्छता भी इस समस्या को बढ़ा रही है।

रोकथाम के लिए प्रयास

राज्य सरकार इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। जिन मरीजों में हीमोग्लोबिन का स्तर 11 ग्राम से कम पाया जाता है, उन्हें आयरन की गोलियां दी जा रही हैं।

बच्चों को एनीमिया से बचाने के लिए भी कई पहल की गई हैं

  •  कृमि नाशक दवा: छोटे बच्चों को हर छह महीने में कृमि नाशक दवा दी जा रही है।
  •  विटामिन-ए की खुराक: 5 साल तक के बच्चों को द्वि-वार्षिक विटामिन-ए की खुराक दी जा रही हैl 2015-16 में जहां कवरेज 64.5% था, वहीं 2019-21 में यह बढ़कर 71.2% हो गया।

एनीमिया से बचाव: आसान और असरदार उपाय

एनीमिया से बचाव के लिए संतुलित आहार और सही जीवनशैली बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ सरल उपाय अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है:

  • पौष्टिक आहार: अपने भोजन में आयरन, विटामिन ए और सी से भरपूर चीजें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां,फल, दालें और सूखे मेवे शामिल करें।
  • चाय-कॉफी का सेवन कम करें: चाय और कॉफी        में मौजूद टैनिन शरीर में आयरन के अवशोषण को बाधित करते हैं।
  • लोहे के बर्तन का उपयोग: खाना पकाने के लिए लोहे की कड़ाही या बर्तनों का उपयोग करें, इससे  भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ती है
  • साफ पानी पिएं: हमेशा स्वच्छ और सुरक्षित पानी का उपयोग करें।

एनीमिया के लक्षणों को पहचानना भी बहुत जरूरी है। लगातार थकान, चक्कर आना, सांस फूलना, और त्वचा का पीला दिखना इसके प्रमुख लक्षण हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

छत्तीसगढ़ में एनीमिया का बढ़ता प्रसार एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है, जिसके लिए सरकार के साथ-साथ आम जनता की जागरूकता भी बेहद जरूरी है।

Author heeralal
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