NHM ने हड़ताली कर्मचारियों को भेजा अंतिम नोटिस, 24 घंटे में नहीं लौटे तो होगी सेवा समाप्त

NHM ने हड़ताली कर्मचारियों को भेजा अंतिम नोटिस, 24 घंटे में नहीं लौटे तो होगी सेवा समाप्त

संदेश भारत, रायपुर ।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की हड़ताल लगातार जारी है और अब मामला निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। एनएचएम ने हड़ताली कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि 24 घंटे के भीतर वे अपने कार्यस्थल पर वापस नहीं लौटते, तो उनकी सेवा समाप्ति (Termination) की कार्रवाई की जाएगी।

यह नोटिस एनएचएम के आयुक्त-सह-मिशन संचालक की ओर से जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि हड़ताल को लोकहित के खिलाफ माना गया है क्योंकि इसका सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है।


क्यों जारी हुआ यह नोटिस?

एनएचएम के कर्मचारी अपनी नियमतीकरण समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने पहले भी चेतावनी दी थी कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित में आश्वासन नहीं मिलेगा, वे काम पर नहीं लौटेंगे।

इस बीच, एनएचएम प्रबंधन ने बताया कि:

  • पहले जिला चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से नोटिस जारी किए गए।

  • कार्यकारिणी समिति की बैठक में निर्णय लेकर उच्च स्तर से आदेश जारी हो चुके हैं।

  • कर्मचारियों को स्थिति स्पष्ट करने और कार्यस्थल पर लौटने के लिए पर्याप्त समय दिया गया

फिर भी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं।



नोटिस में क्या लिखा है?

नोटिस में साफ कहा गया है:

“आपको निर्देशित किया जाता है कि इस अंतिम पत्र के जारी होने के 24 घंटे के भीतर अपने कार्यस्थल पर उपस्थिति होना सुनिश्चित करें। अन्यथा आपके विरुद्ध नियमानुसार सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।”

इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि कार्यस्थल पर अनुपस्थिति की स्थिति में कर्मचारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।


सरकार का रुख

सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालना लोकहित के विरुद्ध है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयुक्त ने कहा कि आदेश का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।


कर्मचारियों का पक्ष

दूसरी ओर, एनएचएम कर्मचारी नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने कई बार वादे किए लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

एनएचएम कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने कहा:

“हम स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम करते हैं, लेकिन सरकार हमारी समस्याओं को अनदेखा कर रही है। जब तक लिखित समझौता नहीं होगा, हम हड़ताल जारी रखेंगे।”


हड़ताल का असर

  • जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कई सेवाएं प्रभावित हो चुकी हैं।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है।

  • मरीजों को आपातकालीन सेवाओं के लिए भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।


अगला कदम क्या होगा?

अगर 24 घंटे में कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, तो एनएचएम उनके खिलाफ टर्मिनेशन ऑर्डर जारी कर सकता है। इस स्थिति में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

Author Praveen dewangan
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