जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंह देव की सूचना पर, रात में ही कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित पूरा प्रशासनिक अमला और सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। रात से ही राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक केवल तीन शव बरामद हुए हैं। लापता बच्चों और ग्रामीण के कनहर नदी में बह जाने की आशंका है, जो पास से ही गुजरती है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी कनहर नदी में मिल गया है, और इसी में उनके बहने की संभावना है। इस घटना में लगभग 40-50 बकरे-बकरियां और कुछ गोवंश भी बह गए हैं। |
संदेश भारत रायपुर l बलरामपुर जिले के लुत्ती जलाशय का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार की रात को टूट गया, जिससे इसके नीचे स्थित दो घर इसकी चपेट में आ गए। इस हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों सहित कुल सात लोग बह गए। इनमें से तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार लोग अभी भी लापता हैं।
हादसे में मरने वाले और लापता लोग
हादसे में जिन तीन लोगों के शव बरामद हुए हैं, उनमें एक सास और उसकी दो बहुएं शामिल हैं। परिवार के तीन बच्चों के साथ एक ग्रामीण का अभी तक पता नहीं चल सका है। घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
हादसे की खबर मिलते ही, बलरामपुर के कलेक्टर राजेंद्र कटारा और पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। रात से ही बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
HIGHLIGHTS
1 . जलाशय में एक दिन पहले से हो रहा था रिसाव 2 . बच्चों के साथ एक ग्रामीण का अबतक पता नहीं 3 . बहाव में 40 से 50 बकरा - बकरी, गो वंश बहे |
जलाशय का निर्माण और पुरानी मरम्मत
यह जलाशय ग्राम पंचायत विश्रामनगर के धनेशपुर गांव में जल संसाधन विभाग द्वारा 1980-81 में बनाया गया था। यह दो ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है और इसमें एक नाले से पानी आता है। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 10-12 साल पहले भी जलाशय में रिसाव हुआ था, जिसकी मरम्मत कराई गई थी।
विभाग की लापरवाही के आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जलाशय पूरी तरह भर गया था। मंगलवार सुबह से ही इसके एक हिस्से से पानी का हल्का रिसाव हो रहा था, लेकिन जल संसाधन विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। शाम को जब दोबारा बारिश हुई और पानी का दबाव बढ़ा, तो जलाशय का एक हिस्सा टूट गया।
जलाशय का पानी बहुत तेज़ी से नीचे की ओर बहने लगा। इससे करीब 300 मीटर की दूरी पर स्थित रामवृक्ष का घर चपेट में आ गया। रामवृक्ष, जो जाग रहा था, शायद अपने मवेशियों को देखने गया था, जिससे वह बच गया, लेकिन उसकी पत्नी, दो बहुएं और तीन पोता-पोती बह गए।
राहत और बचाव कार्य जारी
जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंह देव की सूचना पर, रात में ही कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित पूरा प्रशासनिक अमला और सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। रात से ही राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक केवल तीन शव बरामद हुए हैं।
लापता बच्चों और ग्रामीण के कनहर नदी में बह जाने की आशंका है, जो पास से ही गुजरती है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी कनहर नदी में मिल गया है, और इसी में उनके बहने की संभावना है। इस घटना में लगभग 40-50 बकरे-बकरियां और कुछ गोवंश भी बह गए हैं।
घायल रामवृक्ष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके दो बेटे काम के सिलसिले में घर से बाहर थे, जिससे वे सुरक्षित हैं। सुबह से ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा है, और सभी मिलकर लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं।
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