संदेश भारत, दुर्ग । हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में इन दिनों कुलपति और कुलसचिव के बीच अधिकारों को लेकर टकराव गहराता जा रहा है। यह विवाद विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है।
क्या है मामला?
सूत्रों के मुताबिक, कुलपति प्रो. (डॉ.) संजय तिवारी का कहना है कि विश्वविद्यालय अधिनियम 2002 की धारा 15 के अनुसार प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों पर अधिकार कुलपति के पास है।
वहीं, कुलसचिव का तर्क है कि किसी भी महत्वपूर्ण कार्य जैसे छुट्टी की स्वीकृति, वेतन वृद्धि, प्रोन्नति, शोधार्थियों को थीसिस की अनुमति और अन्य प्रशासनिक फाइलों पर उनकी सहमति अनिवार्य है।
क्यों बढ़ा विवाद?
कुलसचिव का आरोप है कि कुलपति कई कार्यों में उनकी अनुमति के बिना निर्णय ले रहे हैं।
कुलपति का कहना है कि सभी निर्णय अधिनियम के अनुसार लिए जा रहे हैं और कुलसचिव को बाधा नहीं डालनी चाहिए।
क्या है असर?
इस अधिकारों की लड़ाई का असर शोध कार्य, मूल्यांकन प्रक्रिया और विश्वविद्यालय की योजनाओं पर पड़ रहा है।
शोधार्थियों के शोध ग्रंथों का मूल्यांकन लंबित है।
कई प्रशासनिक फाइलें भी अटकी हुई हैं।
अगला कदम क्या होगा?
अगर यह विवाद जल्द नहीं सुलझा तो मामला उच्च शिक्षा विभाग और राज्य शासन तक जा सकता है।
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