मितानिन संघ की प्रमुख मांगों में उनकी सेवाओं के लिए बढ़ा हुआ मानदेय और पदों का नियमितीकरण शामिल है। उनका कहना है कि वे वर्षों से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, लेकिन उनके योगदान के अनुपात में उन्हें उचित पारिश्रमिक और सम्मान नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं। वे मितानिनों को समझाने और सड़क से हटने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यातायात बहाल हो सके। हालांकि, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सरकार से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं। |
संदेश भारत रायपुर l छत्तीसगढ़ - राजिम-गरियाबंद मार्ग पर आज सुबह से ही तनाव की स्थिति देखने को मिली, जब पांडुका के पास पोंड गांव में मितानिन संघ ने अपनी मांगों को लेकर स्टेट हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। इस प्रदर्शन के कारण पिछले कई घंटों से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
मितानिन संघ की सदस्यों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर बैठकर जोरदार नारेबाजी की। उनकी मुख्य मांगों में सेवाओं के लिए बेहतर मानदेय, नौकरी का नियमितीकरण और अन्य आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार उनकी सेवाओं और योगदान को नजरअंदाज कर रही है, जबकि वे ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं।
HIGHLIGHTS
1 . बेहतर मानदेय और नियमितीकरण की मांग को लेकर मितानिन संघ कर रहा प्रदर्शन। 2 . चक्का जाम के कारण दोनों दिशाओं में वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। 3 . प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से कर रहे हैं बातचीत। |
स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल मौके पर मौजूद हैं और प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, मितानिन संघ अपनी मांगों को पूरा किए जाने तक प्रदर्शन खत्म करने को तैयार नहीं है। इस चक्का जाम के कारण केवल यात्री ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक गतिविधियों पर भी बुरा असर पड़ रहा है, क्योंकि सामान ले जा रहे ट्रक भी रास्ते में फंसे हुए हैं।
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। इस घटना से यह साफ है कि मितानिनों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हो पाया है, और वे सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
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