छत्तीसगढ़: क्राइम ब्रांच का फर्जी सिपाही गिरफ्तार, पुलिस अधिकारियों से थी नजदीकी

छत्तीसगढ़: क्राइम ब्रांच का फर्जी सिपाही गिरफ्तार, पुलिस अधिकारियों से थी नजदीकी


पुलिस ने राजधानी में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो खुद को क्राइम ब्रांच का सिपाही बताकर लोगों से उगाही करता था। आरोपी आशीष घोष, जो भाठागांव का निवासी है, एक कारोबारी से पाँच लाख रुपये की मांग कर रहा था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर उसे धर दबोचा।


संदेश भारत रायपुर l राजधानी रायपुर में क्राइम ब्रांच का फर्जी सिपाही बनकर लोगों से रंगदारी वसूलने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी आशीष घोष उर्फ आशीष शर्मा भाठागांव का रहने वाला है। वह खुद को पुलिस अधिकारी बताकर कारोबारियों और पुलिसकर्मियों से पैसे वसूलता था।

HIGHLIGHTS

1 . आरोपी आशीष घोष उर्फ आशीष शर्मा भाठागांव का रहने वाला है।

2 . पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग कराने के नाम पर भी मोटी रकम वसूलता था। 

3 . एसीबी-ईओडब्ल्यू का फर्जी आई कार्ड बरामद हुआ। 

4 . कार्रवाई नाम पर  पांच लाख रुपये मांगे। 


क्या था मामला?

जानकारी के अनुसार, आरोपी आशीष घोष जेल रोड स्थित एक होटल में पहुंचा था। उसने होटल में मौजूद लोगों को धमकाते हुए कहा कि ड्रग्स केस में गिरफ्तार नव्या मलिक ने उनका नाम लिया है और कार्रवाई से बचने के लिए पांच लाख रुपये देने होंगे। होटल प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी दस्तावेज और पुलिस सामग्री बरामद

पुलिस ने आशीष के घर और गाड़ी की तलाशी ली, जहां से भारी मात्रा में नोटों के बंडल, थाने से जुड़े दस्तावेज, सायरन लगी कार, पुलिस की ड्यूटी चार्ट, गश्त प्वाइंट और एसीबी-ईओडब्ल्यू का फर्जी आई कार्ड बरामद हुआ। पुलिस उसके मोबाइल की भी जांच कर रही है। फिलहाल, पुरानी बस्ती थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

पुलिसकर्मियों से भी करता था वसूली

जांच में पता चला है कि आरोपी आशीष घोष की कई बड़े पुलिस अधिकारियों से नजदीकी थी। वह उनके घरों पर भी आता-जाता था और उनकी गाड़ियों में घूमता था। आरोप है कि वह पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग कराने के नाम पर भी मोटी रकम वसूलता था। इसके अलावा, वह क्राइम ब्रांच में भी कुछ पुलिसकर्मियों से हर महीने पैसे वसूलता था और पैसे नहीं देने पर उन्हें ब्लैकमेल करता था।

पुलिस जांच में जुटी

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी को किसका संरक्षण प्राप्त था और उसके पास सरकारी दस्तावेज कैसे पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों के साथ उसके संबंध थे, उनकी भी जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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यह घटना दिखाती है कि कैसे कुछ लोग पुलिस का नाम इस्तेमाल करके लोगों को ठग रहे हैं। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आगे की जांच जारी है।

Author heeralal
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