कर्मचारियों की मुख्य मांगों में नियमितीकरण, समान वेतनमान, और बेहतर सेवा शर्तें शामिल हैं। उनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को सालों से नज़रअंदाज़ कर रही है। इस हड़ताल से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे मरीज़ों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। अब सरकार और कर्मचारियों के बीच इस गतिरोध को सुलझाने के लिए बातचीत होना ज़रूरी है ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था को सामान्य किया जा सके। |
संदेश भारत रायपुर l राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत काम करने वाले कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। यह आंदोलन 18 अगस्त को शुरू हुआ था, जिसमें 16,000 से ज़्यादा कर्मचारी शामिल हैं। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से सामूहिक इस्तीफे भी दिए हैं।
आंदोलन के प्रमुख कारण
कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को नज़रअंदाज़ कर रही है। उनका कहना है कि वे कई सालों से अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे मरीजों और आम जनता को काफी परेशानी हो रही है।
HIGHLIGHTS
1 . सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से सामूहिक इस्तीफे 2 . 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल 3 . 16,000 से ज़्यादा कर्मचारी शामिल 4 . आंदोलन 18 अगस्त को शुरू हुआ |
कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगें
NHM कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
1 . सेवाओं का नियमितीकरण: संविदा पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों को स्थायी (नियमित) किया जाए।
2 . समान वेतनमान: नियमित कर्मचारियों की तरह ही वेतन और अन्य भत्ते दिए जाएं।
3 . सेवा शर्तों में सुधार: कर्मचारियों के लिए बेहतर और स्पष्ट सेवा शर्तें लागू की जाएं।
4 . मजबूत स्थानांतरण नीति: एक पारदर्शी और न्यायसंगत स्थानांतरण नीति बनाई जाए।
5 . पेंशन योजना: कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए।
6 . स्वास्थ्य बीमा: सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज दिया जाए।
7 . बढ़ाया हुआ वेतन: महंगाई और काम के बढ़ते बोझ को देखते हुए वेतन में वृद्धि की जाए।
8 . सुरक्षा और सम्मान: कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उनके सम्मान को ठेस न पहुंचे।
9 . भविष्य निधि (PF) और ग्रेच्युटी: कर्मचारियों को भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।
10 . समान काम, समान वेतन: समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत लागू किया जाए।
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सरकार पर दबाव
कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे। सामूहिक इस्तीफों का उनका कदम यह दर्शाता है कि वे अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या इस गतिरोध को सुलझाने के लिए कोई रास्ता निकल पाता है।
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