संदेश भारत, बेमेतरा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों ने आज रचनात्मक तरीके से रंगोली बनाकर अपनी समस्याओं और मांगों को सरकार तक पहुंचाया। इस मौके पर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष आशीष छाबड़ा भी मौजूद रहे और उन्होंने कर्मचारियों की मांगों को न्यायोचित बताते हुए पूरा समर्थन दिया।
क्या हुआ?
कई जिलों में एनएचएम कर्मियों ने स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती में अपनी भूमिका को रेखांकित करते हुए शांतिपूर्ण विरोध किया। रंगोली-प्रदर्शन का उद्देश्य था—बिना शोर-शराबे के, स्पष्ट और रचनात्मक ढंग से मांगों को जनता व प्रशासन के सामने रखना। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महामारी के बाद स्वास्थ्य ढांचे में NHM की भूमिका और बढ़ी है, इसलिए न्यायसंगत वेतन, सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा अब टाला नहीं जा सकता ।
प्रदर्शन में कांग्रेस जिला अध्यक्ष आशीष छाबड़ा ने कर्मचारियों से कहा—
"स्वास्थ्यकर्मी प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। उनकी जायज़ मांगों को लेकर कांग्रेस उनके साथ खड़ी है और सरकार तक यह मुद्दा पहुंचाने का काम करेगी।"
मुख्य मांगें (रंगोली में लिखे मुद्दों के आधार पर)
1. मेडिकल अवकाश की स्पष्ट एवं समान नीति।
2. 10 लाख तक कैशलेस इलाज (समूह स्वास्थ्य बीमा) की सुविधा।
3. पारदर्शी स्थानांतरण नीति—परिवार/स्वास्थ्य/सेवा-अवधि के आधार पर।
4. EPS-95 पेंशन या समकक्ष दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा।
5. समान कार्य के लिए समान वेतन और ग्रेड-पे/पे-स्केल का युक्तिकरण।
6. समयबद्ध पदोन्नति—कम से कम हर 2 वर्ष/निर्धारित मानकों पर।
7. GR/नियम व्यवस्था का क्रियान्वयन—भर्ती, नियुक्ति, अनुशासनात्मक कार्यवाही में पारदर्शिता।
8. सेवा-समाप्ति/कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेशन पर मनमानी रोक, कारण-लिखित नोटिस और अपील का अधिकार।
9. कार्यस्थल सुरक्षा व बीमा कवरेज—फील्ड पोस्टिंग/रात्रि ड्यूटी के लिए जोखिम भत्ता।
10. मातृत्व/पितृत्व लाभ और आकस्मिक अवकाश का मानकीकरण।
कर्मचारी पक्ष क्या कहता है?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मरीजों की अंतिम मील तक सेवा देने वाले NHM कर्मियों को लंबे समय से वेतनमान और सुरक्षा लाभों में असमानता झेलनी पड़ रही है। “हम स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ हैं—ASHA, ANM, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन से लेकर डाटा मैनेजर तक—लेकिन मूलभूत अधिकारों पर अनिश्चितता बनी हुई है,” एक प्रतिनिधि ने कहा।
आशीष छाबड़ा का बयान
"हम आपके मुद्दों को उच्च स्तर तक ले जाएंगे। यह सिर्फ कर्मचारी ही नहीं बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का सवाल है। अगर स्वास्थ्यकर्मी संतुष्ट होंगे तभी जनता को बेहतर सुविधा मिलेगी।"
क्यों अहम है यह मुद्दा?
ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में प्राथमिक/समुदाय स्वास्थ्य केंद्र NHM पर निर्भर हैं।
बेहतर रिटेंशन और मोटिवेशन से वैक्सिनेशन, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीबी/कुष्ठ/एनसीडी कार्यक्रमों की सततता बनी रहती है।
सामाजिक सुरक्षा और कैरियर प्रोग्रेशन से कुशल मानव संसाधन प्रणाली में टिके रहते हैं, जिससे सेवाओं में सुधार आता है।
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