गणेश विसर्जन के दौरान, डीजे की तेज आवाज के कारण 15 साल के एक स्कूली छात्र की हृदयाघात से मौत

गणेश विसर्जन के दौरान, डीजे की तेज आवाज के कारण 15 साल के एक स्कूली छात्र की हृदयाघात से मौत


मृतक छात्र की पहचान प्रवीण गुप्ता के रूप में हुई है, जो स्वामी आत्मानंद स्कूल, राजपुर में आठवीं कक्षा में पढ़ता था। प्रवीण अपने दोस्तों के साथ गणेश विसर्जन में शामिल हुआ था और डीजे पर बज रहे गानों पर नाच रहा था। अचानक उसे बेचैनी हुई और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।
जुलूस में मौजूद लोग उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राजपुर ले गए। हालांकि, अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। लगभग 20 मिनट बाद जब डॉक्टर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जांच के बाद, डॉक्टर ने प्रवीण को मृत घोषित कर दिया।


संदेश भारत रायपुर l गणेश विसर्जन के दौरान, डीजे की तेज आवाज के कारण 15 साल के एक स्कूली छात्र प्रवीण गुप्ता की संभवतः हृदयाघात से मौत हो गई। इस घटना ने न केवल एक परिवार को शोक में डुबो दिया, बल्कि राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कथित लापरवाही को लेकर भी कई गंभीर सवाल खड़े किए।

डीजे की तेज आवाज के बीच हुआ हादसा

राजपुर के स्वामी आत्मानंद स्कूल में कक्षा आठवीं के छात्र प्रवीण गुप्ता, शनिवार की शाम को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन जुलूस में शामिल था। बताया जा रहा है कि वह जुलूस में अन्य लोगों के साथ डीजे पर बज रहे गानों पर नाच रहा था। अचानक उसे बेचैनी हुई और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। जुलूस में मौजूद लोग इस अचानक हुई घटना से घबरा गए और उसे तुरंत पुलिस वाहन से राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

HIGHLIGHTS

1 . आपातकालीन सेवा में डॉक्टर के न होने से लोगों का गुस्सा भड़क 

2 . अस्पताल कर्मचारियों को तुरंत हटाने की मांग

3 . 20 मिनट की देरी के बाद जब डॉक्टर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।


अस्पताल में डॉक्टर की अनुपलब्धता से बढ़ा आक्रोश

जब प्रवीण को अस्पताल लाया गया, तो आरोप है कि वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। आपातकालीन सेवा में डॉक्टर के न होने से लोगों का गुस्सा भड़क गया। उनका आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने भी उनके साथ बदतमीजी की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। लगभग 20 मिनट की देरी के बाद जब डॉक्टर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जांच के बाद उन्होंने प्रवीण को मृत घोषित कर दिया।

लापरवाही और आक्रोश

प्रवीण की मौत और अस्पताल प्रबंधन की कथित लापरवाही ने स्थानीय लोगों के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल कर्मचारियों को तुरंत हटाने की मांग की। विवाद की सूचना पर, एसडीएम देवेंद्र प्रधान और थाना प्रभारी भारद्वाज सिंह के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत कराया।

इस घटना ने एक बार फिर डीजे की तेज आवाज के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को उजागर किया है। साथ ही, यह भी सवाल उठा है कि बलरामपुर जिले में डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद, इसे प्रभावी ढंग से क्यों लागू नहीं किया गया। प्रवीण के दोस्तों ने बताया कि वह सुबह से बहुत खुश था और सभी दोस्तों ने साथ मिलकर पूजा-अर्चना की थी। अचानक हुई इस घटना से वे भी सदमे में हैं।

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इस दुखद घटना ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि राजपुर की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

Author heeralal
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