संदेश भारत रायपुर:
देशभर में जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) बनवाने की प्रक्रिया को और आसान व तेज़ बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही जारी किया जाएगा। इस नई व्यवस्था से लाखों माता-पिता को लंबी कागज़ी प्रक्रिया और बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।
क्या है नई व्यवस्था?
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और नगर निकायों के बीच समन्वय से अब यह तय किया गया है कि: जन्म रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अस्पताल से ही शुरू कर दी जाएगी।
जैसे ही शिशु का जन्म होता है, अस्पताल की ओर से उसका डेटा संबंधित नगर निगम या पंचायत को भेज दिया जाएगा।
जन्म प्रमाण पत्र डिजिटल माध्यम से जारी होगा और माता-पिता के मोबाइल नंबर या ईमेल पर भेजा जाएगा।
discharge यानी छुट्टी से पहले ही प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
पहले कैसी थी प्रक्रिया?
अब तक माता-पिता को बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल से प्रमाण पत्र के लिए एक फॉर्म लेना पड़ता था, जिसे भरकर नगर निगम या पंचायत कार्यालय में जमा करना होता था। इसमें कई दिनों या हफ्तों का समय लग जाता था, जिससे स्कूल में दाखिले, सरकारी योजनाओं या पासपोर्ट के लिए परेशानी होती थी।
नई प्रणाली के फायदे:
• तेज़ और स्वचालित प्रक्रिया
• सरकारी रिकॉर्ड तुरंत अपडेट
• समय, पैसे और भागदौड़ की बचत
• डिजिटली सहेजे जा सकने वाले प्रमाण पत्र
• ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधा लागू
स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान:
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“हमने पूरे देश के अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे शिशु जन्म के समय ही आवश्यक विवरण डिजिटल पोर्टल पर दर्ज करें। इससे discharge के समय ही प्रमाण पत्र मिल सकेगा।”
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम:
यह योजना केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया मिशन और ई-गवर्नेंस पहल के तहत लागू की जा रही है। इसका उद्देश्य नागरिक सेवाओं को पारदर्शी और जनसुलभ बनाना है।
कहाँ लागू होगी योजना?
यह व्यवस्था शुरुआत में मेट्रो शहरों और जिला मुख्यालयों के बड़े अस्पतालों में लागू होगी।
आगे चलकर इसे सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में अनिवार्य कर दिया जाएगा।
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