बिलासपुर। जिले के धुमा और सिलपहरी गांवों के निवासियों का 18 वर्षों का धैर्य सोमवार को जवाब दे गया। इलाके की सड़कों की भयानक बदहाली और प्रशासनिक अनदेखी से तंग आकर, सैकड़ों ग्रामीणों ने सुबह नेशनल हाईवे पर उतरकर चक्काजाम कर दिया। इस बड़े विरोध प्रदर्शन के कारण हाईवे पर वाहनों की मीलों लंबी कतारें लग गईं, जिससे बिलासपुर और आसपास के क्षेत्रों में यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। |
संदेश भारत रायपुर l बिलासपुर जिले के तोरवा और सिरगिट्टी क्षेत्र के मानिकपुर, धुमा और सिलपहरी के ग्रामीण पिछले 18 वर्षों से बदहाल और जर्जर सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। सड़क की मरम्मत न होने से आक्रोशित गांव वालों ने सोमवार सुबह ढेका के पास नेशनल हाईवे पर उतरकर प्रदर्शन किया और चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन के कारण नेशनल हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यात्रियों और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लगभग दो घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश और सड़क निर्माण के जल्द आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए और जाम खोला गया।
18 साल से बदहाल सड़कें, 9 महीने से सिर्फ आश्वासन
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की सड़कें पिछले 18 सालों से जर्जर स्थिति में हैं, जिसके कारण उन्हें हर दिन मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं। बारिश के दिनों में कीचड़ का अंबार लग जाता है, तो वहीं गर्मी के दिनों में उड़ती धूल के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों का डर बना रहता है। स्थानीय लोगों ने लगातार सड़क सुधार की मांग की, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता बनी रही। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पिछले नौ महीने से सिर्फ सड़क सुधार का आश्वासन ही दिया जा रहा है, लेकिन हकीकत में सड़कों की हालत वैसी ही बनी हुई है।
HIGHLIGHTS
1 . चक्काजाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर 2 . सड़क निर्माण के जल्द शुरू होने के आश्वासन के बाद अब ग्रामीण सड़क सुधार का इंतजार कर रहे 3 . जांजगीर-चांपा, मस्तूरी की ओर से बिलासपुर व रायपुर की ओर जाने वाले यात्री जाम में फंस गए |
नेशनल हाईवे पर लगा लंबा जाम
लगातार हो रही अनदेखी से नाराज गांव वालों ने सोमवार को ढेका के पास नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शन के कारण बिलासपुर से मस्तूरी की ओर जाने वाले और जांजगीर-चांपा, मस्तूरी की ओर से बिलासपुर व रायपुर की ओर जाने वाले यात्री जाम में फंस गए। गांव वालों ने प्रदर्शन के दौरान दो पहिया वाहन और पैदल चलने वालों को भी रोक दिया था।
जाम में फंसे लोगों में कई ऐसे थे जो अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे, जबकि कई इलाज के लिए शहर की ओर आ रहे थे। अचानक लगे इस चक्काजाम के कारण इन लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा और उनका जरूरी कामकाज प्रभावित हुआ।
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अधिकारियों के हस्तक्षेप से खुला जाम
चक्काजाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बात की और उन्हें जल्द ही सड़क निर्माण शुरू करने का लिखित आश्वासन दिया। करीब दो घंटे तक चली लंबी समझाइश के बाद, ग्रामीण शांत हुए और उन्होंने नेशनल हाईवे से जाम हटा दिया।
सड़क निर्माण के जल्द शुरू होने के आश्वासन के बाद अब ग्रामीण इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि अधिकारी अपना वादा कब पूरा करते हैं, ताकि 18 साल से चली आ रही उनकी यह समस्या जल्दखत्म हो सके।
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