आज के समय में व्यापारी अपना अधिक मुनाफ़ा, कम खर्च और समय की बचत के लिए मालवाहकों पर अधिक से अधिक माल को लाद देते हैं । यानी की माल वाहक की क्षमता से अधिक उस पर माल को भर दिया जाता है, जिसे ओवरलोडिंग कहते हैं । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी दिन दहाड़े और सरकार की नाक के नीचे ओवरलोडिंग का काम ज़ोरों से चल रहा है ।
ऐसे में एक सवाल खड़ा होता है कि, क्या सरकार का इन पर ध्यान नहीं जा रहा है, या फिर देखते ही नज़रअंदाज़ कर देती है ? अगर सरकार के ध्यान देने पर भी रायपुर जैसे बड़े शहर में ऐसा काम हो रहा है वो भी बीच सिटी में, तो ज़ाहिर सी बात है कि बाक़ी जगहों पर भी इनको भरपूर हिम्मत मिलेगी ऐसा काम करने के लिए । क्योंकि इनको पता है कि सरकार तो इन पर ध्यान देने नहीं वाली, तो चलने दो जैसा चल रहा है ।
यह फोटो रायपुर के पंचपेड़ी नाका की है
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एक ओवरलोड वाहन के आस पास चलने में भी काफ़ी डर रहता है क्योंकि यह अपने ही वजन से कभी भी पलट सकते हैं । माल वाहक एक तो अपनी क्षमता से अधिक भरा होता है और साथ में इसको चलाने वाले अपनी गति का भी ध्यान नहीं रखते । जहां एक ओर बड़े वाहनों के लिये गति सीमा 40 निर्धारित है तो वहीं इनको 60 से 70 के ऊपर भगाया जा रहा है ।
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यह फोटो पचपेड़ी नाका ब्रिज के नीचे बनी पुलिस चौकी की है :
अब देखने वाली बात यह है कि पचपेड़ी नाका ब्रिज के नीचे पुलिस चौकी बनी हुई है। फिर भी जो यातायात पुलिस है वो इन ओवरलोड वाहनों पर कोई नज़र नहीं रख रही है । प्रसाशन की नाक के नीचे ही लोग नियमों का उलंघन कर रहे हैं । ऐसे में सवाल यह खड़ा होता हिया की प्रशासन को इस बात की भनक नहीं लग रही है या चीजों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है । एक सवाल और खड़ा होता है कि अगर मुख्य राजधानी रायपुर में इन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा तो सोचिए दूसरे शहर/ ज़िले में इन पर क्या ही नज़र रखी जा रही होगी । अगर इन पर अभी से शक्ति नहीं दिखाई गई तो आगे चलकर कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है ।
सरकार नियम तो काफ़ी सारे बनाती पर उन नियमों के अनुसार कौन चल रहा है और कौन नहीं इस पर बहुत कम ध्यान देती है । बड़े बड़े वहनों और मालवाहकों के चलने के लिए एक समय सीमा निर्धारित है । पर उस नियम को भी नज़रअंदाज़ किया जा रहा है ।
छत्तीसगढ़ में ओवरलोडिंग के कारण काफ़ी सारे हादसे हुए हैं । अपनी क्षमता से अधिक भरे हुए बड़े-बड़े वाहन अपने ही वजन के कारण पलटने की खबरें सामने आई हैं । चाहे रायपुर हो या अन्य कोई शहर हर जगह बस यही हाल देखने को मिल रहा है । प्रशासन की लापरवाही आम जानता के लिए चिंतपूर्ण विषय बन चुका है । ना जाने सरकार किस बड़े हादसे का इंतेज़ार कर रही है सीख लेने के लिए ।
ऐसी ही दो महीने पहले एक खबर बिलासपुर से आई थी । जहां एक ओवरलोड ट्रक अपने ही वजन के कारण असंतुलित होकर पलट गया । इस हादसे में ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई थी और हेल्पर घायल हो गया था । ना जाने राज्य में कितने ऐसे हादसे होते हैं । जब तक प्रसाशन पुराने हादसों से कोई सीख नहीं लेगी तब तक भविष्य में होने वाली अनहोनी को रोक नहीं पाएगी । पर इनसे सीख लेने की बजाय लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है ।
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